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Important fact about Hindu religion || हिन्दू धर्म के बारे महतवपूर्ण तथ्य

 

हिन्दू धर्म के बारे महतवपूर्ण तथ्य || Some important fact about Hindu religion



श्री मद्-भगवत गीता के बारे में-

·         श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।

·         कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।

·         श्री मद-भगवत गीता में कुल 18 अध्याय

·         श्री मद-भगवत गीता में कुल श्लोक 700 श्लोक

·         श्री मद-भगवत गीता में ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है।

·         अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था - भगवान सूर्यदेव को

·         गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है - उपनिषदों में

·         गीता किस महाग्रंथ का भाग है - गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।

·         गीता का दूसरा नाम क्या है - गीतोपनिषद

33 कोटी(प्रकार) के देवी देवता का विवरण

·         आदित्य , धाता, मित, आर्यमा, शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष,

·         सविता, तवास्था, और विष्णु...!

·         वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष।

·         रुद्र: ,हर,बहुरुप, त्रयँबक, अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी,

·         रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली।

·         अश्विनी और कुमार।

दो पक्ष- कृष्ण पक्ष , शुक्ल पक्ष !

तीन ऋण - देव ऋण , पितृ ऋण , ऋषि ऋण !

चार युग - सतयुग , त्रेतायुग , द्वापरयुग , कलियुग !

चार धाम - द्वारिका , बद्रीनाथ , जगन्नाथ पुरी , रामेश्वरम धाम !

चार धाम 


चारपीठ –

·         शारदा पीठ ( द्वारिका )          

·         ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम )

·         गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) ,          

·         शृंगेरीपीठ !

चार वेद- ऋग्वेद , अथर्वेद , यजुर्वेद , सामवेद !

चार आश्रम - ब्रह्मचर्य , गृहस्थ , वानप्रस्थ , संन्यास !

चार अंतःकरण - मन , बुद्धि , चित्त , अहंकार !

पञ्च गव्य - गाय का घी , दूध , दही ,गोमूत्र , गोबर !

पञ्च देव - गणेश , विष्णु , शिव , देवी ,सूर्य !

पंच तत्त्व - पृथ्वी ,जल , अग्नि , वायु , आकाश !

छह दर्शन - वैशेषिक , न्याय , सांख्य ,योग , पूर्व मिसांसा , दक्षिण मिसांसा !

सप्त ऋषि - विश्वामित्र , जमदाग्नि , भरद्वाज , गौतम , अत्री , वशिष्ठ और कश्यप!

सप्त पुरी -

1.      अयोध्या पुरी ,

2.      मथुरा पुरी ,

3.      माया पुरी ( हरिद्वार ) ,

4.      काशी ,

5.      कांची ( शिन कांची - विष्णु कांची ) ,

6.      अवंतिका और

7.      द्वारिका पुरी !

आठ योग - यम , नियम , आसन ,प्राणायाम , प्रत्याहार , धारणा , ध्यान एवं समाधि !

आठ लक्ष्मी -


1.      आग्घ ,

2.      विद्या ,

3.      सौभाग्य ,

4.      अमृत ,

5.      काम ,

6.      सत्य ,

7.      भोग ,एवं

8.      योग लक्ष्मी !


नव दुर्गा -



1.      शैल पुत्री ,

2.      ब्रह्मचारिणी ,

3.      चंद्रघंटा ,

4.      कुष्मांडा ,

5.      स्कंदमाता ,

6.      कात्यायिनी ,

7.      कालरात्रि ,

8.      महागौरी एवं

9.      सिद्धिदात्री !


दस दिशाएं -


1.      पूर्व ,

2.      पश्चिम ,

3.      उत्तर ,

4.      दक्षिण ,

5.      ईशान ,

6.      नैऋत्य ,

7.      वायव्य ,

8.      अग्नि

9.      आकाश एवं

10.  पाताल !


मुख्य ११ अवतार -


1.      मत्स्य ,

2.      कच्छप ,

3.      वराह ,

4.      नरसिंह ,

5.      वामन ,

6.      परशुराम ,

7.      श्री राम ,

8.      कृष्ण ,

9.      बलराम ,

10.  बुद्ध ,

11.  एवं कल्कि !


बारह मास -


1.      चैत्र ,

2.      वैशाख ,

3.      ज्येष्ठ ,

4.      अषाढ ,

5.      श्रावण ,

6.      भाद्रपद ,

7.      अश्विन ,

8.      कार्तिक ,

9.      मार्गशीर्ष ,

10.  पौष ,

11.  माघ ,

12.  फागुन !


बारह राशी -


1.      मेष ,

2.      वृषभ ,

3.      मिथुन ,

4.      कर्क ,

5.      सिंह ,

6.      कन्या ,

7.      तुला ,

8.      वृश्चिक ,

9.      धनु ,

10.  मकर ,

11.  कुंभ ,

12.  मीन!


बारह ज्योतिर्लिंग -


1.      सोमनाथ ,

2.      मल्लिकार्जुन ,

3.      महाकाल ,

4.      ओमकारेश्वर ,

5.      बैजनाथ ,

6.      रामेश्वरम ,

7.      विश्वनाथ ,

8.      त्र्यंबकेश्वर ,

9.      केदारनाथ ,

10.  घुष्नेश्वर ,

11.  भीमाशंकर ,

12.  नागेश्वर !


पंद्रह तिथियाँ -


1.      प्रतिपदा ,

2.      द्वितीय ,

3.      तृतीय ,

4.      चतुर्थी ,

5.      पंचमी ,

6.      षष्ठी ,

7.      सप्तमी ,

8.      अष्टमी ,

9.      नवमी ,

10.  दशमी ,

11.  एकादशी ,

12.  द्वादशी ,

13.  त्रयोदशी ,

14.  चतुर्दशी ,

15.  पूर्णिमा / अमावास्या !


स्मृतियां -


1.      मनु ,

2.      विष्णु ,

3.      अत्री ,

4.      हारीत ,

5.      याज्ञवल्क्य ,

6.      उशना ,

7.      अंगीरा ,

8.      यम ,

9.      आपस्तम्ब ,

10.  सर्वत ,

11.  कात्यायन ,

12.  ब्रहस्पति ,

13.  पराशर ,

14.  व्यास ,

15.  शांख्य ,

16.  लिखित ,

17.  दक्ष ,

18.  शातातप ,

19.  वशिष्ठ !


पाण्डव के नाम -

1. युधिष्ठिर    2. भीम    3. अर्जुन        4. नकुल      5. सहदेव

( इन पांचों के अलावा , महाबली कर्ण भी कुंती के ही पुत्र थे , परन्तु उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है )

यहाँ ध्यान रखें कि… पाण्डु के उपरोक्त पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन

की माता कुन्ती थीं ……तथा , नकुल और सहदेव की माता माद्री थी ।

वहीँ धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र कौरव थे 100 भाइयों के अलावा कौरवों की एक बहनभी थी… जिसका नाम""दुशाला""था, जिसका विवाह"जयद्रथ"सेहुआ था 

सिख धर्म से सम्बंधित प्रमुख तथ्य : Important fact about Sikh Religion

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