Download Cyber Classes Android App from playstore

Skip to main content

Gunjan Saxena : The Kargil Girl

गुंजन सक्सेना : कारगिल गर्ल



फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना युद्ध क्षेत्र में प्रवेश करने वाली पहली महिला IAF अधिकारी हैं। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान, गुंजन ने युद्ध क्षेत्र में चीता हेलीकॉप्टर उड़ाया और कई सैनिकों को बचाया। गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल ', एक धर्मा प्रोडक्शन्स की फ़िल्म रिलीज़ हुई है और इसे नेटफ्लिक्स पर प्रदर्शित किया गया  है। जो अभी हाल ही में चर्चा में भी रही है  जिस पर  आईएएफ(IAF) के अपने नकारात्मक चित्रण के कारण इस फिल्म के कुछ दर्श्यो पर आपत्ति दर्ज की है ।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

गुंजन सक्सेना का जन्म वर्ष 1975 में एक सेना अधिकारी परिवार में हुआ था उनके पिता अनूप सक्सेना और भाई ने भारतीय सेना की सेवा की है । गुंजन सक्सेना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। वह अपने कॉलेज के दिनों में उड़ान की मूल बातें सीखने के लिए सफदरजंग फ्लाइंग क्लब, नई दिल्ली में शामिल हुईं। 


निजी जीवन

गुंजन सक्सेना एक IAF अधिकारी विंग कमांडर गौतम नारायण  से शादी करती है जो पेशे से पायलट है और IAF Mi-17 हेलीकॉप्टर उड़ाते  है। दंपति की एक बेटी प्रज्ञा है जिसका जन्म वर्ष 2004 में हुआ था। 

हमारे youtube चैनल को सब्सक्राइब करे 



कैरियर

फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना को वर्ष 1994 में 25 अन्य महिला प्रशिक्षु पायलटों के साथ भारतीय वायु सेना में चुना गया। यह महिला IAF प्रशिक्षु पायलटों का पहला बैच था। वह उधमपुर, जम्मू और कश्मीर में तैनात थी। 
1999
में भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध के दौरान, गुंजन ने अपने साथी लेफ्टिनेंट श्रीविद्या राजन के साथ राष्ट्र की सेवा करने का अवसर प्राप्त किया। भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध के दौरान दो बड़े ऑपरेशन किए- ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन सफ़ेद  सागर। फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना ऑपरेशन विजय से जुड़ी थीं। उसे युद्ध क्षेत्र में घायल सैनिकों, पाकिस्तानी सैनिकों के ठिकानों की निगरानी और द्रास और बटालिक सेक्टरों में भारतीय सेना की टुकड़ियों को महत्वपूर्ण प्रकार के उपकरणों को दबाने का काम सौंपा गया था। 

एक साक्षात्कार में, गुंजन सक्सेना ने कहा कि उन्हें युद्ध क्षेत्र से घायल सैनिकों को बाहर निकालने के दौरान पाकिस्तानी गोलाबारी और मिसाइलों का सामना करना पड़ा। 

19 वीं शताब्दी में महिलाओं को अत्यधिक शारीरिक और मानसिक दबाव के कारण युद्ध क्षेत्र में उड़ान भरने की अनुमति नहीं थी, लेकिन कारगिल युद्ध के समय, भारत को पाकिस्तान में जीत हासिल करने के लिए सभी पायलटों की सख्त जरूरत थी। इस प्रकार, सभी पुरुष और महिला पायलटों को राष्ट्र की सेवा के लिए बुलाया गया।  

पुरस्कार

फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना 'शौर्य वीर पुरस्कार' से सम्मानित किया गया । न की शोर्य चक्र से जो की कई जगह गलत प्रचारित किया गया है यह  उन्हें कारगिल युद्ध क्षेत्र में उनके साहस और दृढ़ संकल्प के लिए उत्तर प्रदेश के एक नागरिक संगठन के दवरा सम्मानित किया गया। 



विशेष  तथ्य

1- युद्ध क्षेत्र से मृत और घायल अधिकारियों को बाहर निकालने के दौरान, गुंजन के हेलीकाप्टर  को पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा निशाना बनाया गया था लेकिन उन्होंने दिलेरी से  कारगिल की खड़ी घाटियों में उनका मुकाबला करते हुए 40 से अधिक अभियानों में योगदान दिया । 

2- फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना को 'कारगिल गर्ल' के नाम से भी जाना जाता है।

3- गुंजन सक्सेना प्रथम महिला कॉम्बैट पायलट के रूप में जानी जाती है

4- 2004 में, चॉपर पायलट के रूप में 7 वर्षों तक सेवा देने के बाद, गुंजन सक्सेना की भारतीय सेना के साथ सेवा समाप्त हो गई। 

वर्तमान में चर्चित

वर्तमान में गुंजन सक्सैना अपनी बायोपिक फिल्म गुंजन सक्सैना: द कारगिल गर्ल कारण के कारण चर्चा में हैं क्योंकि इस फिल्म के कुछ दृश्यों में अपने नकारात्मक छवि  के लिए इंडियन एयर फोर्स ने अपनी शिकायत केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को दर्ज करवाई है भारतीय वायुसेना  का कहना है कि इसमें वायु सेना का गलत चित्रण किया गया है और यह सर्वविदित तथ्य है की भारतीय वायुसेना में  महिला अधिकारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है और 2015 के पश्चात लड़ाकू भूमिका  सहित महिला अधिकारियो  के लिए अपनी सभी शाखाएं खोली  जा चुकी है



12 अगस्त 2020 को गुंजन सक्सेना पर बनी फिल्म 'गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल' को डिजिटल रूप से नेटफ्लिक्स के जरिए रिलीज किया गया। इस फिल्म में गुंजन सक्सैना का किरदार नवोदित अभिनेत्री जानवी कपूर के द्वारा निभाया गया है


subscribe to cyber classes YouTube channel 


by Vijay Verma

 


Comments

Post a Comment

If you have any doubt . then writes us

Popular posts from this blog

Patwari Exam 2019 update | पटवारी सीधी भर्ती परीक्षा 2019

  पटवारी सीधी भर्ती परीक्षा 2019 Update news  14-oct-2021: पटवार परीक्षा के प्रवेश पत्र जारी  कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा दिनांक 23 व 24 अक्टूबर 2021 को होने वाली पटवार परीक्षा के प्रवेश पत्र जारी किये जा चुके है अभ्यर्थी अपनी sso ID से या निचे दिए लिंक के माध्यम से एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकता है  click here to download admit card 7-Aug-2021: करवा चौथ के कारण सभी महिलाओं अभ्यर्थियों का 23 अक्टूबर को होगा पेपर पटवारी भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन करने वाली विवाहित महिला अभ्यर्थियों के लिए राहत भरी खबर है पटवारी भर्ती परीक्षा के कारण उन्हें 24 अक्टूबर को करवा चौथ का व्रत करने में कोई परेशानी नहीं होगी राज्य सरकार ने सभी महिला अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा तिथि 23 अक्टूबर निर्धारित की है 8 July 2021: पटवारी भर्ती  परीक्षा 2019 की  परीक्षा तिथि घोषित  राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB ) ने पटवारी भर्ती परीक्षा की नई डेट जारी कर दी है। अब पटवारी भर्ती परीक्षा 23 अक्टूबर और 24 अक्टूबर 2021 को आयोजित होगी। 8 July 2021: पटवारी ...

Rajasthan Computer Teacher Recruitment News

  Rajasthan Computer Teacher Recruitment 2021 News Update 28-Aug-2021:  वित्त विभाग के द्वारा कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती को मिली मंजूरी  वित्त विभाग ने कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती को नियमित करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है यह भर्ती 10453 पदों पर प्रस्तावित है  इससे  राजकीय विद्यालयों में प्रशिक्षित शिक्षकों के माध्यम से कम्प्यूटर शिक्षा की आवश्यकता की पूर्ति की जा सकेगी तथा बड़ी संख्या में युवाओं को कम्प्यूटर अनुदेशक के पद पर स्थायी रोजगार के अवसर मिल सकेंगे।   22-July-2021: कम्प्यूटर अनुदेशकों की नियमित भर्ती होगी  राज्य मंत्रिमंडल एवं मंत्रिपरिषद की बैठक में विद्यालयों के लिए कम्प्यूटर अनुदेशकों की नियमित भर्ती करने के लिए  सैद्धांतिक सहमति दी है जल्द ही होगी 10000 कंप्युटर अनुदेशक की भर्ती  19 June 2021: कम्प्यूटर शिक्षकों के नए कैडर के लिए 10,453 पदों का सृजन संविदा आधार पर आवश्यक तत्काल भर्ती के लिए स्वीकृति प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और विद्यार्थियों को कम्प्यूटर शिक्षा से जोड़ने के उद्देश्य से राज्य सरकार...

हिंदी दिवस

  हिंदी दिवस जब भी बात देश की उठती है तो हम सब एक ही बात दोहराते हैं , “ हिंदी हैं हम , वतन है हिंदोस्तां हमारा “ । यह पंक्ति हम हिंदुस्तानियों के लिए अपने आप में एक विशेष महत्व रखती है। हिंदी अपने देश हिंदुस्तान की पहचान है। यह देश की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है इसीलिए हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्राप्त है।   हिंदी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है प्रति वर्ष 14 सिंतबर को हम हिन्दी दिवस के रूप में मनाते हैं क्योकि इसी दिन ही हिंदी को भारतीय संविधान द्वारा भारतीय गणराज्य की राजभाषा का दर्जा दिया गया था। इसके अतिरिक्त हिंदी को बढ़ावा देने के लिए , हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए वातावरण पैदा करने के उद्देश्य से और हिंदी के प्रति लोगों में जागरुकता पैदा करने के उद्देश्य से हिन्दी दिवस मनाया जाता है। संविधान द्वारा हिंदी को भारत की राजभाषा का दर्जा दिये जाने की खुशी में हम हिंदी दिवस मनाते हैं। संविधान के अनुच्छेद 343 में हिंदी भाषा को राजभाषा के तौर पर अपनाने का उल्लेख मिलता है।   हिंदी द...