Most expensive land on earth
धरती की सबसे महंगी जमीन
प्रकृति ने धरती को एक जैसा नहीं बनाया है कही नदी , नाले , तालाब , पहाड़ तथा रेगिस्तान है ये सभी अपने आप सुन्दर और अमूल्य है लेकिन क्या आप जानते है कि धरती के जमीन के टुकड़े अधिकत्तम कीमत क्या हो सकती है इतिहास में सबसे महँगी जमीन खरीदने का श्रेय दिवान टोडरमल को जाता है सिख इतिहास के पन्नो में इसका विशेष विवरण मिलता है बात मध्यकालीन इतिहास कि है जब श्री गुरुगोविंद सिंह के नेतृत्व में मुग़ल सत्ता उखाड़ने के लिए प्रयासरत थी जब साहिबजादों को जिंदा दीवार में चिनवाने के बाद बेरहमी से शहीद करके माता गुजरी जी के पार्थिव शरीर सहित मौजूदा
गुरुद्वारा फतहगढ़ साहिब के पीछे जंगल में रखा गया।
तब इसी क्षेत्र के धनी तथा मुगल दरबार के कर्मचारी दीवान टोडरमल ने नवाब से पार्थिव शरीर लेकर उनका अंतिम संस्कार करने की अनुमति मागी तो सरहिंद के तत्कालीन फौजदार वज़ीर खान ने शवों के दाह संस्कार की अनुमति देने से इनकार कर दिया जब तक कि आवश्यक भुमि पर सोने के सिक्के (अशर्फियाँ) बिछाकर (खड़े स्थिति में) श्मशान के लिए ज़मीन नहीं खरीदी जाती। यह अनुमान लगाया जाता है कि आवश्यक भूमि खरीदने के लिए कम से कम 78000 सोने के सिक्कों की आवश्यकता थी, तब गुरु गोविंद सिंह जी के भक्त टोडर मल ने इन सिक्को का इंतजाम किया और दाह संस्कार करने में सफल रहे । गुरु परिवार के प्रति इस वफादारी के बदले बाद में नवाब सरहिंद ने दीवान टोडरमल की हवेली तथा उनकी शेष संपत्ति नष्ट करवा दी।
फतेहगढ़ साहिब में एक भव्य गुरुद्वारा, गुरुद्वारा अब उस स्थान पर खड़ा है जहाँ इन तीनों शहीदों का
अंतिम संस्कार किया गया था जो उनकी महान सेवा
का प्रतीक है ।
मौजूदा समय में टोडरमल की जहाज
हवेली बेहद खराब स्थिति में है। और
अभी हाल ही मे यह हवेली SGPC द्वारा जीर्णोधार
कार्य पर हाई कोर्ट के स्टे आर्डर के कारण
चर्चा में रही है इतनी खेदजनक बात है की हमने मुगलो की कुतुबमीनार , लालकिला , ताजमहल आदि इमारतों को तो
संरक्षित कर रखा है लेकिन टोडरमल जैसे नायको को भुला दिया है ऐसे में केंद्र या राज्य सरकार अथवा एसजीपीसी इस
इमारत की देखरेख की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले जिससे आने वाली पीढ़िया हमारे सुनहरे
अतीत को जान सके |
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